चाईबासा शहर में रैली निकाल कर जिला परिषद कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया।

चाईबासा: आदिवासी किसान मजदूर पार्टी के बैनर तले जिला परिषद सदस्यों ने चाईबासा शहर में रैली निकाल कर जिला परिषद कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। जिला परिषद सदस्य पेसा कानून को लागू करते हुए पंचायत प्रतिनिधियों को उनका अधिकार देने की मांग कर रहे हैं। डिस्टिक मिनिरल फाऊंडेशन ट्रस्ट फंड में पंचायत प्रतिनिधियों की हिस्सेदारी की मांग की जा रही है। इसके लिए लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। यह फंड जिला प्रशासन द्वारा सांसद और विधायक के माध्यम से खर्च किया जा रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों की मांग है कि डीएमएफटी फंड को वार्ड सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के माध्यम से ग्राम सभा की लघु समिति बनाकर खर्च कराया जाए, ताकि पैसे का सदुपयोग हो और धरातल पर सही योजनाओं का संचालन हो सके। झींकपानी के जिला परिषद सदस्य जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि जिले में 28000 करोड़ डीएमएफटी फंड की राशि है। इसे 20 लख रुपए वार्ड सदस्य, मुखिया और पंचायत समिति सदस्य के माध्यम से 2-2 करोड़ और जिला परिषद सदस्य के माध्यम से 5 करोड रुपए सालाना खर्च किया जाए। उन्होंने मातृभाषा में शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों की बहाली। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा। हो भाषा को सरकारी भाषा के रूप में इस्तेमाल की अनिवार्यता और जिला परिषद एवं प्रखंड प्रमुख को क्षेत्र भ्रमण के लिए सरकारी गाड़ी और बॉडीगार्ड की व्यवस्था करने की भी मांग की। रैली और धरना प्रदर्शन में मंझारी के जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल, जगन्नाथपुर के जिला परिषद सदस्य मानसिंह तिरिया भी

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