जिलाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन ने समाहरणालय सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक

बच्चों के शिक्षण कार्य की गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ साथ विद्यालयों की मूलभूत सुविधाओं में गुणात्मक सुधार लाने के निमित्त जिलाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन ने समाहरणालय सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक की तथा अधिकारियों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए बच्चों के प्रति संवेदनशील होने एवं सरकारी योजनाओं का ईमानदारी से गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का सख्त निर्देश दिया।
बच्चों के लिए विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के लिए किये गये कार्य एवं उसकी गुणवत्ता की जांच जिला पदाधिकारी द्वारा दो स्तर से कराया गया एवं दोनों स्तर से जांच प्रतिवेदन प्राप्त कर मिलान करायी गई है। प्रथमत: ‌ सभी प्रखंड ‌ शिक्षा पदाधिकारी एवं कनीय अभियंता की टीम गठित कर प्रखंडाधीन विद्यालयों की जांच कराई गई तथा रिपोर्ट प्राप्त किया गया। पुनः ‌ प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट प्राप्त कर ‌ आपस में मिलान कराया गया। विद्यालयों में ‌ समरसेबल बोरिंग, हैंडवॉश स्टेशन, सोख्ता का निर्माण,‌ बैंच डेस्क‌ की संख्या एवं उसकी गुणवत्ता, चहारदीवारी, नामांकित बच्चों की संख्या, एमडीएम का संचालन आदि बिंदुओं की जांच कर रिपोर्ट मांगी गई थी। बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा दोनों रिपोर्ट के आधार पर ‌ प्रत्येक प्रखंड के बीईओ/जेई तथा वरीय पदाधिकारी से पूछताछ की गई। सरैया के बीईओ एवं जेई तथा बंदरा के जेई ‌ द्वारा जांच में लापरवाही बरतने एवं संतोषजनक जवाब नहीं देने के कारण उन सभी का वेतन स्थगित करते हुए कारण पृच्छा करने का निर्देश दिया गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी को सरैया के विद्यालयों की जांच कर रिपोर्ट करने को कहा तथा लापरवाही सत्यापित हो जाने पर‌ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निलंबित करने तथा कनीय अभियंता को टर्मिनेट करने की कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विद्यालयों में समरसेबल बोरिंग की समीक्षा में पाया गया कि 114 बोरिंग अपूर्ण है। जिलाधिकारी ने ‌ बच्चों के लिए पीने के पानी की आवश्यकता तथा कार्य की शिथिलता को गंभीरता से लेते हुए ‌ जिला शिक्षा पदाधिकारी को कहा कि अगर कोई वेंडर/ संवेदक ‌ राशि ‌ ले लिया हो और कार्य पूर्ण नहीं किया हो तो वैसे संवेदक 30 सितंबर तक बोरिंग का कार्य पूर्ण कर ले अन्यथा 30 सितंबर तक कार्य पूर्ण नहीं करने वाले संवेदक के विरुद्ध ‌ प्राथमिकी दर्ज करने तथा सर्टिफिकेट केस ‌दर्ज की जाएगी ।

समीक्षा के क्रम में पाया गया कि 687 बोरिंग पूर्ण है किंतु पेमेंट नहीं हुआ है । जिलाधिकारी ने डीईओ को जांच कर ही भुगतान की कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने कहा कि ‌ प्रत्येक विद्यालय में मध्याह्न भोजन योजना संचालित रहे ‌। किसी भी विद्यालय में एमडीएम बंद नहीं रहे। एमडीएम जांच में थाली का निम्न क्वालिटी तथा भोजन की गुणवत्ता में कमी की शिकायत पाया गया। जिलाधिकारी ने ‌ डीपीओ एमडीएम ‌ को विद्यालय की जांच करने एवं रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। साथ ही ‌ थाली के वेंडर को शो कॉज करने का सख्त निर्देश दिया। उन्होंने एमडीएम की कड़ाई से मॉनिटरिंग करने तथा मेनू के अनुरूप बच्चों को नियमित रूप से ‌ गुणवत्तापूर्ण भोजन देने का निर्देश डीईओ एवं डीपीओ को दिया।

सकरा प्रखंड के वरीय पदाधिकारी का जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं रहने के कारण उनसे स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया गया।

जिले में कुल 3317 विद्यालय है। वित्तीय वर्ष 2023- 24 में 802259 बच्चे नामांकित थे जबकि 2024- 25 में 803141 बच्चे नामांकित हुए हैं। विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति की कड़ाई से समीक्षा की गई तथा जिलाधिकारी ने प्रत्येक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को क्षेत्र भ्रमण कर विद्यालयों में बच्चों तथा शिक्षकों की उपस्थिति ‌ सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। प्रखंडवार ‌ 50% से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों की समीक्षा के क्रम में ‌ निम्नवत स्थिति पायी गयी ‌ जिसे जिलाधिकारी ने गंभीरता से लेते हुए जिला/प्रखंड स्तरीय अधिकारियों को क्षेत्रभ्रमण कर हर हाल में विद्यालयों में 75% उपस्थिति सुनिश्चित करने का सख्त निर्देश दिया।
मोतीपुर में 43 विद्यालय, कांटी में 48 विद्यालय,‌ मुसहरी में 36 मीनापुर में 30, साहेबगंज में 35 बोचहा में 32 ,औराई में 24, गायघाट में 29 बंदरा में 9 मरवण में 7, ‌ मुरौल में 11,कटरा में 12 विद्यालयों में 50% से कम बच्चों की उपस्थिति पाई गई जिसे तत्क्षण सुधार करने का सख्त निर्देश दिया गया।

विद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण में सुधार लाने तथा शिक्षकों के नैतिक मूल्यों/ मनोबल को ऊंचा करने हेतु जिलाधिकारी ने ‌ योग्य, कर्मठ एवं लगनशील प्रधानाध्यापक को ‌ चिन्हित करने तथा उन्हें सम्मानित करने का निर्देश दिया। साथ ही विद्यालयों के शिक्षकों एवं अन्य कर्मियो ‌ के कार्य की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु उनके उन्मुखीकरण एवं प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। बच्चों के बौद्धिक एवं शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए विद्यालयों में बच्चों के लिए एनीमिया एवं एल्बेंडाजोल की दवा उपलब्ध कराया गया है तथा खिलाया जा रहा है। 86%बच्चों को खिलाया गया है।

जिलाधिकारी ने ‌ विद्यालयों की साफ सफाई ‌ ‌बिजली पंखा की व्यवस्था, बैठने की व्यवस्था, बच्चों में अनुशासन, बच्चों एवं शिक्षकों की उपस्थिति, यूनीफार्म, एमडीएम का नियमित एवं मानक के अनुरूप संचालन, खेलकूद गतिविधि, पेयजल आदि की सुदृढ़ व्यवस्था करने का निर्देश दिया।

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