पूर्वी चंपारण के तुरकौलिया से श्रम संसाधन विभाग ने दो बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है।श्रम संसाधन विभाग बिहार के निर्देश के आलोक में तुरकौलिया के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के नेतृत्व में तुरकौलिया प्रखंड क्षेत्र में विशेष धावा दल के द्वारा अलग-अलग प्रतिष्ठानों में सघन जाँच अभियान चलाया गया।जहां जाँच के दौरान तुरकौलिया प्रखंड के दो प्रतिष्ठानों में केसरी मिष्ठान भंडार और रवि किराना दुकान से एक-एक बाल श्रमिक सहित कुल दो बाल श्रमिकों को धावा दल की टीम के द्वारा विमुक्त कराया गया। श्रम अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि यह अभियान पूर्वी चंपारण जिला में लगातार चलता रहेगा।इसको लेकर बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम-1986 के तहत सभी नियोजकों के विरूद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी जा रही है। जबकि सभी मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों को जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थित कर उन्हें बाल गृह भेजा गया।श्रम अधीक्षक श्री सिंह ने बताया कि बच्चों से प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन के अंतर्गत गैर कानूनी है। बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार रूपये से 50 हजार रूपये तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक का कारावास का प्रावधान है।
इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निदेश के आलोक में सभी नियोजकों से बीस हजार रुपये प्रति बाल श्रमिक की दर से राशि वसूली जाएगी।विशेष धावा दल टीम में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी तुरकौलिया,श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी संग्रामपुर,श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी हरसिद्धि,श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी पहाड़पुर,एएचटीयू मोतिहारी प्रयास संस्था के प्रतिनिधि, न्याय नेटवर्क परियोजना डंकन हॉस्पिटल रक्सौल के प्रतिनिधि और घोड़ासहन थाना से दो पुलिस कर्मी एवं एंटी ह्यूमन टै्रफिकिंग यूनिट की टीम शामिल थी।