नवादा में 45 महादलित का घर जलाने तथा पूरे बिहार में दलितों-गरीबो-महिलाओं पर बढ़ते हमले के खिलाफ भाकपा-माले नगर कमिटी के तत्वधान में भाकपा-माले ज़िला कार्यालय हरिसभा चौक से प्रतिवाद मार्च निकला जो क्लब रोड, कल्याणी, छोटी कल्याणी होते हुए गुज़रा ।
प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व कर रहे भाकपा-माले के नगर सचिव सूरज कुमार सिंह ने कहा कि नवादा में महादलित 55 परिवारों के घरों में दिन के उजाले में आग लगाने वाले सत्ता संरक्षित भूमाफिया है इसलिए अभी तक सरकार की ज़ुबाँ बंद है और सत्ता के साथ मलाई खाने वाले दलित नेता जीतन राम मांझी और चिराग पासवान को इन महादलितों के आंखों से निकलने वाले आँसू नही दिख रहे हैं क्योंकि इनके आलाकमान ने संकेत दे दिया है कि हमारे लोग इसलिए ये लोग दिखाई नहीं दे रहे हैं आरक्षण के सवाल पर महादलितों के लिए राग अलापने वाले मांझी जी पहले दिन बिना जाने समझे बयान देकर अब चुप्पी साध लिए ।
माले नेता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि बिहार में अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है पुलिस दलित-कमज़ोर लोगों पर दमन चला रही कही भी बिहार में लोग सुरक्षित नहीं है कही बाहर निकलने में लोगों को डर लग रहा है हत्या-लूट-बलात्कार की खबरों से पूरा अखबार पटा रहता है और सरकार कहती है शुशासन है अगर ये शुशासन है तो फिर कुशासन क्या होगा।
मार्च में शामिल माले नगर कमिटी सदस्य राजकिशोर प्रसाद ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पटना में बैठकर नीतीश जी को सबकुछ हरा-हरा दिखता है बाढ़ के हालात देखने चले गए तो थोड़ी दूर नवादा भी चले जाते लेकिन वो वहां नही जाएंगे जानते हैं कि सब मेरे लोग है। बिहार के दलित इन सबकी राजनीत को समझ रही है सही समय पर जवाब मिलेगा।
मार्च में नगर कमिटी सदस्य विजय गुप्ता, अभिनंदन कुमार, मुनीम महतो, मोहम्मद सफी, मोहम्मद ताजू, महेंद्र महतो, ललित कुमार, मुकेश कुमार, रघुनंदन कुमार, विनय वर्मा शामिल थे।
नवादा में 45 महादलित के घर को जलाने के विरोध में माली ने निकाला प्रतिरोध मार्च
