नालंदा जिले के रहुई प्रखंड में स्थित पचासा बाईपास अब हादसों का केंद्र बन गया है। बख्तियारपुर-रजौली फोरलेन पर की गई बारकेडिंग से स्थानीय लोगों और यात्रियों को हर दिन दुर्घटनाओं का खतरा झेलना पड़ रहा है। हमारी टीम ने मौके पर जाकर पाया कि यातायात प्रबंधन पूरी तरह से अव्यवस्थित है, जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है।
अस्थावां और शेखपुरा से आने वाले वाहनों को बख्तियारपुर जाने के लिए लगभग दो किलोमीटर तक विपरीत दिशा में चलना पड़ता है। वहीं, सोहसराय और बिहारशरीफ से आने वाले वाहनों की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है। स्थानीय व्यवसायी सुनील साव ने बताया कि बारकेडिंग से लोगों को सड़क पार करने और ईंधन खरीदने में भारी मुश्किलें हो रही हैं। इसके अलावा, पेट्रोल पंप और अन्य व्यवसाय भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
क्या बड़े हादसे का है इंतजार?
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और प्रशासन की चुप्पी स्थानीय लोगों को चिंता में डाल रही है। पचासा बाईपास के पास हो रहे आरओबी निर्माण के कारण 45 दिनों तक बड़े वाहनों का आवागमन बंद रहेगा, जिससे स्थिति और बिगड़ गई है। स्थानीय प्रशासन और एनएचएआई अधिकारियों ने समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है, लेकिन लोग हर दिन अपनी जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं।
क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे के बाद जागेगा?
यही सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है।
Report By :- Virender Kumar