बिहारशरीफ शहर के सोहसराय इलाके में गणेश चतुर्थी के दस दिवसीय उत्सव का समापन एक भव्य और रंगारंग मेले के साथ हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल भर दिया। बुढ़वा गणेश भगवान के विसर्जन से पहले आयोजित इस मेले ने स्थानीय निवासियों और आगंतुकों के लिए एक यादगार अनुभव बनाया। गुरुवार की शाम से शुरू हुए इस मेले में खाने-पीने से लेकर मनोरंजन तक की ढेरों दुकानें सजाई गई थीं, जिन्होंने हर आयु वर्ग के लोगों को आकर्षित किया।
महिलाओं ने इस अवसर पर जमकर खरीदारी की, जबकि बच्चों ने झूलों और खेल-तमाशों का खूब आनंद उठाया। मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन ने कड़ी सतर्कता बरती। नालंदा पुलिस ने सुरक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ी, और सदर एसडीपीओ नूरूल हक खुद देर रात तक शहरी क्षेत्रों में गश्त करते नजर आए, जो पुलिस की सक्रियता को दर्शाता था।
मेले का आनंद लेने आए स्थानीय लोगों ने कहा कि यह मेला केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। यह देखकर खुशी होती है कि हमारी परंपराएँ इतने उत्साह और उमंग के साथ मनाई जा रही हैं।
गणेश चतुर्थी के इस दस दिवसीय महोत्सव का समापन केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं था, बल्कि यह सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक बना। मेले की यह धूम अगले वर्ष तक लोगों के दिलों में ताजा रहेगी, जब फिर से बुढ़वा गणेश के आगमन का बेसब्री से इंतजार होगा।