नालंदा जिले के बिहारशरीफ मंडल कारा में गुरुवार की सुबह हुई छापेमारी ने प्रशासन की सख्ती का स्पष्ट संकेत दिया है। यह कार्रवाई राज्य सरकार के निर्देश पर की गई, जिसमें जिले के शीर्ष अधिकारी, जिलाधिकारी शशांक शुभंकर और पुलिस अधीक्षक भारत सोनी ने खुद नेतृत्व संभाला। छापेमारी लगभग ढाई घंटे तक चली, जिसमें जेल के कोने-कोने की बारीकी से जांच की गई।
जांच के दौरान कई संदिग्ध सामग्री बरामद हुई, जिनमें कई फोन नंबर लिखे पर्चे शामिल थे। अधिकारियों ने इन पर्चों की गहन जांच के आदेश दिए हैं। इस छापेमारी में जेल प्रशासन की कई खामियां भी सामने आईं, जिसके बाद कुछ सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसमें जेल की चहारदीवारी से सटे क्षेत्रों में लोगों के आवागमन पर रोक लगाना, मेडिकल वार्ड में कैदियों के अनावश्यक ठहराव की शिकायतों की जांच, और बंद पड़े सीसीटीवी कैमरों को तत्काल चालू करना शामिल है। वॉच टावर पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इस छापेमारी ने जेल के अंदर कैदियों के बीच हड़कंप मचा दिया है। जेल अधिकारियों का कहना है कि यह नियमित जांच का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जेल की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाना है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब राज्य में अपराध नियंत्रण को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ रहा है।