साहिबगंज:-
झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के तत्वावधान में और जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहेबगंज के द्वारा मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन न्यायालय परिसर स्थित लोक अदालत हॉल में किया गया।
कार्यशाला की शुरुआत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष , जिला विधिक सेवा प्राधिकार, साहिबगंज के अखिल कुमार, जिला दंडाधिकारी, उपायुक्त सह प्राधिकार के उपाध्यक्ष हेमंत सती, पुलिस अधीक्षक सह सदस्य, अमित कुमार सिंह, जिला परिवहन पदाधिकारी, विष्णु देव कच्छप एवं अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया ।
कार्यशाला में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिल कुमार ने वाहन दुर्घटना दावा से संबंधित मुआवजे के बारे में विस्तार से जानकारी दी उन्होने दुर्घटना दावा वाद पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब भी कोई दुर्घटना होती है तो दुर्घटना से प्रभावित व्यक्ति की जान बचाना प्राथमिकता होनी चाहिए। हादसे से प्रभावित पीड़ित परिवार की स्थिति काफी दयनीय हो जाती है, ऐसे में पुलिस जांच को तय समय सीमा के भीतर सभी दस्तावेज संबंधित न्यायालय को सौंपने चाहिए ताकि आगे की न्यायिक प्रक्रिया शुरू की जा सके और न्याय मिल सके। पीड़ित परिवार को और उचित मुआवजे की राशि अनुमान भी एमएसीटी द्वारा लगाया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त हेमंत सती ने कहा कि आए दिन हमें दुर्घटनाओं के मामलों के विषय में जानकारी मिलती है जो काफी दुखद है उन्होंने कहा कि दुखद इसलिए है क्योंकि हमें अपने -अपने स्कूल कॉलेज के कार्यकाल में सड़क सुरक्षा के विषय में जानकारी का अभाव हुआ करता था आज जिला में हर स्कूल कॉलेज में सड़क सुरक्षा की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से सड़क दुर्घटना का कारण हमारा सड़क सुरक्षा की जानकारी ना होना होती है। ज्यादातर 18 से 35 वर्ष के नवयुवक की घटनाएं सामने आती हैं जिन्हें सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता को लेकर कार्यक्रम किया जा रहे हैं।
इसके अलावा समुचित मुआवजा की राशि का आंकलन भी एमएसीटी कर सकता है. एमएसीटी में पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका अहम होती है। सबंधित पुलिस पदाधिकारियों को जिम्मेवार व संवेदनशील होकर जांच प्रतिवेदन समर्पित करना चाहिए।कार्यशाला में बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर हिट एंड रन के मामलों के निष्पादन के उचित मुआवजा दिलवाने की प्रक्रिया और सरलीकरण को लेकर कहा गया।
वही पुलिस अधीक्षक अमित कुमार सिंह ने कहा कि मानवता की सेवा ही पुलिस का सबसे पहला धर्म है, जिसका पालन पुलिस पदाधिकारियों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी पूर्वक करनी चाहिए। उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मोटर दुर्घटना मुआवजा एक्ट से संबंधित अद्यतन जानकारी प्राप्त कर पीडितों को लाभ दिलाने की दिशा में सतत प्रयत्नशील रहें। प्राधिकार उन्हें हरसंभव सहायता देने के लिए कृत संकल्प है।
कार्यक्रम में जिला परिवहन पदाधिकारी विष्णु देव कच्छप ने भी संबोधित किया।
कार्यशाला में ए डी जे प्रथम धीरज कुमार प्राधिकार के सचिव विश्वनाथ भगत जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम नाथ तिवारी जिला परिवहन पदाधिकारी विष्णु देव कच्छप ने विस्तार पूर्वक दुर्घटना दावा से संबंधित कानून को विस्तार पूर्वक बताया उन्होंने 2022 के अमेंडमेंट एक्ट को भी बताया ।
सड़क सुरक्षा संबंधित व्यवहार न्यायालय परिसर में एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया जिसे प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिल कुमार और अन्य आगुन्तकों ने देखकर उनकी भूरी- भूरी प्रशंसा की और आम जनता से भी सड़क के सुरक्षा कानून को मानने और अपनाने कि अपील कि गयी ।
इस मौके पर प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय संजय कुमार उपाध्याय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी धर्मेंद्र कुमार सिविल जज राजेश श्रीवास्तव अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी तुषार आनंद न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सुमित कुमार वर्मा, पुलिस उपाधीक्षक विजय कुमार कुशवाहा, लोक अभियोजन आनंद चौबे, मुख्य लीगल एड डिफेंस काउंसिल, अरविंद गोयल अधिवक्ता मुरलीधर साह, देवेंद्र कुमार सिंह युवा अधिवक्ता रेणुका कुमारी अधिवक्तागण एवं सभी थाना प्रभारी उपस्थित थे।
Report By :- Pritam